1. ज़िन्दगी, एहसास है
यादों का
बातों का
वादों का
घातों का
किताबो का
मुलाकातों का
बूंदों का
घरोंदो का
सुगंधों का
भावनाओ का
चाय के प्यालो का
पूजा की माला का
ज़िन्दगी, एहसास है!
2. ज़िन्दगी
बदलता मौसम है
गर्मी के बाद बरसात
बरसात के बाद सर्दी
सर्दी के बाद पतझर
पतझर के बाद गर्मी!
सिलसिला ख़त्म कहाँ होता है!
इस सबके बीच ही
मुस्कुराहते दौड़ती रहती है!
3 comments:
Wow!
Mind blowing.. Superb..
You just made a new fan of your poetry..
:)
Regards
http://www.zindagiilive.com/
Thanks Arvind for your words of encouragement! keep reading!
Excellent Poetry
Cheers
Milan
http://milanavi.blogspot.com/
Post a Comment