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Wednesday, August 31, 2011

मैं हूँ


अंतरविरोधो से बुने घेरे में
मकड़ी के जाल की भाति उलझी हूँ
हाँ और ना की
दुर्गम प्रशनावली में
सिसकियाँ लेती हूँ

पर मैं हूँ
आगे बढती
मरती जीती
हर कहीं!


Tuesday, August 9, 2011

Me on My Birthday!







Rediscovering Myself on Birthday!

Poem lover
Passionate thinker
Dedicated foodie,
Regular shopper
Silent writer
Rebellious moody
Highly emotional
And lot more…!

This is me on my birthday!



Monday, August 8, 2011

दोस्ती











समय के साथ-साथ
हमारी दोस्ती भी 
अनेक रूप धर रही है 
अंगडाई  लेती
परिवर्तित हो रही है 
शायद बुड्ढी हो रही है
गंभीर हो रही है
और विस्तृत हो रही है!


Thursday, August 4, 2011

वक़्त









वक़्त पानी की तरह 
बहता जाता है 
वक़्त  पत्थर के समान
जड़ भी बन जाता है
वक़्त सागर के समान
गहराता जाता है
वक़्त बिजली की तरह
दौड़ भी लगाता है
वक़्त खुशबू बन
उड़ता चला जाता है
वक़्त सांझ तले
ढल भी जाता है
वक़्त  सूरज के संग
मुड़ कर आ जाता है
वक़्त  कोशिश बन
फिर मुस्कुराता है
वक़्त  आँखों में छिपा 
डर दिखाता है
वक़्त रंगों भरा 
सपना सजाता है
वक़्त पर्दा हटा 
कभी भरमाता है
वक़्त  आस बन
जीना सिखाता है
वक़्त थम जाए जब 
न जिया जाता है, ना मरना आता है!
वक़्त संभालता है
वक़्त  बिगाड़ता है
वक़्त बताता है
वक़्त दिखाता है
वक़्त से आगे क्या है?