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Tuesday, April 20, 2010

Usne kaha tha (उसने कहा था)



थकना मत
चलते रहना तुम
याद मेरी जो आये
पल भर को सोचना तुम!

उसने कहा था
रोना नहीं
आंसू ना बहाना तुम
याद मेरी जो आये
दो शब्द लिख देना तुम

उसने कहा था!
खोना नहीं
ग़ुम सुम ना रहना तुम
याद मेरी जो आये
हलके से मुस्कुराना तुम

उसने कहा था!



Usne kaha tha

Thakna mat
Chalte rehna tum
Yaad meri jo aaye
Pal bhar ko sochna tum

Usne kaha tha
Rona nahi
Aanso na bahana tum
Yaad meri jo aaye
Do shabd likh dena tum

Usne kaha tha
Khona nahi
Ghum sum na rehna tum
Yaad meri jo aaye
Halke se muskurana tum

Usne kaha tha!

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3 comments:

VIJI said...

Beautifully written Rachana. Very heartfelt and touching. I enjoyed reading every line of this poem

abhi said...

मुझे भी याद आ गया कुछ....कुछ कहा था किसी ने...
बेहतरीन लिखती हैं आप रचना जी

Unknown said...

जिसने भी कहा होगा, जरूर वो आपके सबसे अच्छे मित्र और अपने होंगे. ऐसे लोगों का हमारे जीवन मैं होना आजकल दुर्लभ हे . "सच्चा प्रेम दुर्लभ है, सच्ची मित्रता और भी दुर्लभ है।"

मेरी शुभकामनायें

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