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Tuesday, June 28, 2011

Eyes


मरते रिश्ते


कुछ रिश्ते
पैदा होने से पहले
निर्धारित कर दिए जाते है

आँखें खोलते ही
हम उन ही रिश्तो का
हुकुम बजाने लगते है

वही रिश्ते
समय के साथ-साथ
हमें सताने लगते है
बोझिल बने, कंधे झुकाने लगते है
फिर भी, तोड़े नही जाते
बस घिसटते जाते है
घाव गहराते जाते है

उसी मन में
जो कभी हरा भरा था!

Monday, June 27, 2011

कारण


लड़ते-लड़ते जब थक गए
बहते-बहते आंसू अब सूख चुके
कहते-कहते अब रुक चुके
सर उठा के मैंने पूछा
क्यूँ लड़ पड़े थे
कुछ याद है तुम्हे?

आँखें झुका के
मुँह मोड़ के
तुमने धीरे से कहा
ठीक से नहीं…
और तुम्हे?

Sunday, June 19, 2011

To Papa With Love!

Happy Father's Day!

Friday, June 17, 2011

Rains Have Arrived!

Thursday, June 16, 2011

Rain Drops!

Good Morning!

Wednesday, June 15, 2011

Summer Calling!

Love Imprints!

It's Me!

Friday, June 10, 2011

बिखर जाने दो!




बिखर जाने दो
टूट जाने दो
मुझे तुम

कहो ना
साथ हो मेरे
सच्चे सारे
ख्वाब है मेरे

आखिर कब तक
संभालोगे?
मौन रह कर
आज पिघल जाने दो

घाव बड़े
दिखने लगे है
सहलाओ ना
आज फूट जाने दो

पता है
थामे हाथ तुम्हारा
संवर जाउंगी
जीना सीख जाउंगी
शायद
इतनी ख़ुशी झेल ना पाऊँगी
आज साथ छूट जाने दो

बिखर जाने दो
टूट जाने दो
खो जाने दो
आज मुझे तुम!

Monday, June 6, 2011

इन दिनों




इन दिनों
कुछ अजीब सा लगता है
शोर गुल के बीच भी
सन्नाटा गहरा लगता है!

इन दिनों
हलचल सी उठती है
ख़ामोशी की चीख भी
तीखी चुभती है

इन दिनों
मौसम भी मचलता है
पंछियो के नीड़ में
जीवन नया पलता है

इन दिनों
सपने सच्चे लगते है
आईने में उतर
खुशबू नयी बिखेरते है!

इन दिनों
कुछ अजीब सा लगता है