अहा!
मौसम ने करवट ली है
तपती ऊष्मा की जगह,
मीठी बूंदों ने ली है!
बिजली की तलवार का वार
चाहे हर मन बार-बार
बरसती फुहारों की मार
बरसे है द्वार-द्वार!
पंछियो का कलरव
धरती का यौवन
बूंदों का रस
दृश्य सम्मोहक
झम-झम करके बरसो आज
चऊ दिशा में बजे नाद
मन से मन का हो संवाद
है हर मन ही यही फ़रियाद!
3 comments:
bahut khoobsoorat!!
really awesome lyrics....
you are so creative.. congrats ..
Happy monsoon
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