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Wednesday, June 16, 2010

तीन त्रिवेणी-6!




1. औकात की बात करते हो
सर ऊचा उठा कर चलते हो

एक मिटटी की मूरत से फिर भी डरते हो?

2. कितनो की जाने ली है, तुमने
कितनो के घर उजाड़े है!

बोल, अब तू किसके सहारे है?

3. अँधा कुआ है
लंगडाती परछाईया

मौन की सिसकी दिल दहलाने वाली है!

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