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Monday, August 2, 2010

आँखें!




1. आँखें मेरी दुनिया का झरोखा है
खोल दो तो अन्दर का आसमान साफ़ दिखता है
बंद कर दो तो अन्दर का मैल उभर आता है!

2. आपकी आँखें मेरे जीवन की मार्ग दर्शक है
इसकी रौशनी ही मुझे ले जाती है
उस ओर, जहाँ मेरी नियती खड़ी है!

3. तुम्हारी आखें मेरे जीवन का प्रतिबिम्भ है
लौटा लाती है उन मधुर क्षणों की ओर
जो बाहें पसारे मेरा रास्ता तकती रहती है!

4. तुम्हारी आँखें नदी का ठहरा पानी है
मेरी हिचकोले खाती जीवन रूपी नाव को सहारा देती है
जो बीच मझदार फसी पड़ी है!

5. तुम्हारी आँखें बारिश के जुगनू है
काली बयार में, सहमी और लाचार खड़ी जो मैं
हाथ बढ़ा मुझे थाम लेती है!

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2 comments:

Anamikaghatak said...

sundar rachana .......

Chandan Kumar said...

Good one.............

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