होली
जमी टोली
सुनाई पड़ी ठिठोली
सुन ओ पगली सहेली
कब आएगा तेरा हम जोली
बात राज़ की तू ना बोली
क्यूँ बने तू अनजान और इतनी भोली
खोया कहाँ चंचल मन तेरा ओ, नार नवेली
भेज दे सन्देश जिसे पढ़ कर आएगा चल हथेली!
ना ना री, ना भेजना तू कोई सन्देश, बोली सहेली
खीच लेगी मस्ती और पुरवाई की डोर उसको मेरी ओर
आएगा वो भी थामे प्रीत की पतली डोर
रंगों की आभा लिए साथ
अब क्या कहू तुमसे मैं कोई बात
क्यूंकि, आ गया है रंगों भरा होली का त्यौहार!
Holi Ki Masti!
Holi
Jami toli
Sunai padi thitholi
Sun o pagli saheli
Kab aayega tera hum joli
Baat raaz ki tu na boli
Kyun bane tu anjaan aur itni bholi
Khoya kahan chanchal man tera o naar naveli
Bhej de sandesh jise padh kar aayega chal hatheli
Na na ri, na bhejna tu koli sandesh, boli saheli
Khich legi masti aur purwai ki dor usko meri or
Aayega wo bhi thame preet ki patli dor
Rango ki abha liye saath
Ab kya kahu tumse main koi baat
Kyunki, aa gaya hai rango bhara holi ka tyohar!
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