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Saturday, September 3, 2011

मेरी अनुभूति


वही दिन है
वही समय है
शायद वही घडी है

ना वही तुम हो
ना वही मैं हूँ
अनुभूति बदल रही है
मेरे सोचने का अंदाज़
तुम्हारे होने का आभास

इस अनोखी जीवन लीला ने
सैकड़ो मोड़ बदल दिए
कुछ नई राहें रास्ते खोल दिए
शायद यही सही शुरुआत है
एक नए जीवन की!


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2 comments:

Saru Singhal said...

Very beautiful, it touched my soul...It's like magic in words:)

Anonymous said...

बदलता क्या है... बस एक एहसास

नहीं हममे कोई अनबन नहीं है ..
बस यूँ है की अब वो मन नहीं है

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