तुम्हारा प्यार
मेरे अन्दर
गहरा रच बस गया है
कभी आँखों से
कभी बातों से
कभी जज्बातों से
उमड़ उमड़ कर
दिख जाता है!
हाँ, बड़ा सताता है
छुपाये ना छुप पाता है
कहू तो कहा ना जाता है
ना कहू तो कहा जाता है
उधमी बड़ा
समझता नही
नटखट बड़ा
सोचता नहीं
लगता है, तुम्हारी तरह जिद्दी हो गया है!
3 comments:
The contents in poem are very much heart-touching and beautiful. I praise the Poetess from deep of my heart for such a wonderful poem....keep writing such poems.........!!!!!!!!!
Lovely innocent expressions truly felt and expereinced by any one who has ever been in love...nice corelation....
hridaysprshi
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