
बूंदों का वेग
सर चढ़ चला
साहिलो पार
उफनता मिला
दो नैनों के रास्ते
निर्मोही, बस बरस पड़ा!

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3 comments:
बहुत सुन्दर...
उम्दा भाव।
Nice
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