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Friday, September 30, 2011

विश्वास


विश्वास की हलकी रौशनी
को साथ ले कर
चल निकली थी!

रास्ते अनजाने
बड़े लम्बे थे
थामे वही विश्वास
बढती चली

जान गई हूँ आज
की काफी है
एक जीवन ऐसे ही
बीताने के लिए!

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8 comments:

Saru Singhal said...
This comment has been removed by the author.
Saru Singhal said...

Beautiful, hope and trust can brighten life...

Saru

Unknown said...

जीवन बेहद खूबसूरत है इन्ही अहसासों को निरंतर महसूस करना ही पड़ता है किन्ही भी परिस्थितियों में भी . खूबसूरत काव्य

abhi said...

विश्वास बहुत बड़ी चीज़ है!!

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 21/11/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

Sudha Agarwal Rungta said...

very nice....

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सार्थक प्रस्तुति....
सादर बधाई...

Anju (Anu) Chaudhary said...

bahut khub

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