सुबह तुम जाते हो
शाम को लौट आते हो
बीच में रहता है इंतज़ार
अदभुत् अनोखा इंतज़ार
इंतज़ार आस का
तुम्हारे आभास का
हमारे साथ का
अपने विश्वास का
अच्छा लगता है इंतज़ार
हमेशा करुँगी
ऐसे ही इंतज़ार !
बीच में रहता है इंतज़ार
अदभुत् अनोखा इंतज़ार
इंतज़ार आस का
तुम्हारे आभास का
हमारे साथ का
अपने विश्वास का
अच्छा लगता है इंतज़ार
हमेशा करुँगी
ऐसे ही इंतज़ार !
3 comments:
यह इंतज़ार भी सुखद है ..
बेहतरीन ।
अति सुन्दर अभिव्यक्ति ..शुभ कामनाएं
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