Tuesday, July 26, 2011
Thursday, July 21, 2011
Friday, July 15, 2011
मुझे लड़ना है तुमसे !
Terrorism, Terrorist, Terrorism in India, Mumbai Attacks |
मुझे लड़ना है तुमसे
हाँ आज उलझना है तुमसे
कितनो की जाने ली है तुमने
कितने ही घरो को उजाडा है तुमने मौन खड़ी अब ना सहूंगी
आगे बढ़ तुमसे लडूंगी!
मानती हूँ, कमज़ोर नहीं मैं
ढृढ़ निश्चय के साथ
निरंतर बढ़ूंगी
आँखें मिला सामना करुँगी
यही खड़ी तुमसे लडूंगी!
तुम हो मौत के सौदागर
क्या मिला खून-खराबा फैला कर
क्या मिली शान्ति चिराग बुझा कर?
सवालो के दायरे में
अब ना घुटूंगी
ज्यादती अब ना सहूंगी
आगे बढ़ तुमसे लडूंगी!
Terroris |
Labels:
India,
mumbai attacks,
poetry,
tears,
terrorism
Thursday, July 14, 2011
Thursday, July 7, 2011
इंतज़ार
सुबह तुम जाते हो
शाम को लौट आते हो
बीच में रहता है इंतज़ार
अदभुत् अनोखा इंतज़ार
इंतज़ार आस का
तुम्हारे आभास का
हमारे साथ का
अपने विश्वास का
अच्छा लगता है इंतज़ार
हमेशा करुँगी
ऐसे ही इंतज़ार !
बीच में रहता है इंतज़ार
अदभुत् अनोखा इंतज़ार
इंतज़ार आस का
तुम्हारे आभास का
हमारे साथ का
अपने विश्वास का
अच्छा लगता है इंतज़ार
हमेशा करुँगी
ऐसे ही इंतज़ार !
Tuesday, July 5, 2011
अनोखा चित्र
विहंगम दृश्य है
मीलों फैला कैनवास है
ना कोई कूची है
ना बनाने वाला चित्रकार है
आकाश ने नीला रंग भर दिया
तरुनाई ने हरा भी जोड़ दिया
फूलो की रंग बिरंगी आभा भी
चित्र में है गहरी समाई
बरखा की बूंदों जब पास आई
बिजली की चमकार भी डट कर गुर्राई
पंछियो के कलरव ने किया इसको जीवंत
देख कर हुई मैं मगन
लगता है चित्र पूरा हो गया भाई!
Saturday, July 2, 2011
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