अच्छे दिन
मुस्कुराते दिन
खुशियों भरे दिन
फिर लौटेंगे!
उस भूले बिसरे दोस्त की सूरत में
उस भूले बिसरे दोस्त की सूरत में
जो ऐसे ही कही दुबारा टकरा जाए
और जिसे गले लगाते ही
आँखें एक बूँद छलक जाए
वही दिन…फिर लौटेंगे!
उस धूल लगी इच्छा की आहट में
उस धूल लगी इच्छा की आहट में
जो सहसा मन से कोने से निकल
सामने इठलाती दिखाई दे
और मन मदमस्त चहक जाए
सुनो, ऐसे दिन…फिर लौटेंगे!
नए मौसम के सुहाने रंगों में
नए मौसम के सुहाने रंगों में
नए आशाओं से भरे नूतन जीवन में
खुशबू बिखेरते सुनहरे फूल फिर खिलेंगे
इंतज़ार है जिसका, वैसे दिन…फिर लौटेंगे!