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Thursday, August 20, 2020

विनाश की महामारी

 विनाश की महामारी

निगलती जाए दुनिया सारी! 


बेदम व्यवस्था

लाचार अवस्था

जज्जर संस्था

तड़पती, घुटती अपनी व्यथा! 


विनाश की महामारी

निगलती जाए दुनिया सारी! 


प्रकृति की उपेक्षा

अधूरी रही शिक्षा

जीवन की भिक्षा

कठिन है परीक्षा! 


विनाश की महामारी

निगलती जाए दुनिया सारी! 


जग जाओ की जीवन शेष हैं

उठ जाओ की बदला परिवेश हैं

भूल जाओ की संशय अब लेश हैं

मुस्कुराओ की आसमाँ में भी छेद हैं! 


विनाश की महामारी

निर्दय अत्याचारी

आ चल करले आज

दो दो हाथ की तैयारी! 


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9 comments:

Nidhi said...

Nice ...so relevant to this time..

Unknown said...

👍👍👍

Rachana said...

Thanks unknown for liking my post. Why do u choose to remain unknown?

Unknown said...

Good written

Unknown said...

Good written

Alka said...

Very nice..keep it up!

Rachana said...

Thanks alka

Bijay Rungta (rungss) said...

Very Nice.. Loved it.

Rachana said...

Thank you sir

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